बच्चों को न होने दें गैजेट एडिक्ट
लॉकडाऊनमें बच्चे ज्यादा बोर होने लग गए पाकिया में पूरी तरह से बंद होने के कारण वेपर के पास के पार्क तक नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में बोरियत से बचने के लिए ज्यादातर बच्चे इन भी खेलने दिनों मोबाइल, टी.वी. या अन्य दूसरे गैजेट्स पर अपना समय ज्यादा बिता रहे है। पैरेंट्स भी नहें शैतानों को घर में ही टिका कर बैठाने के लिए मोबाइल इत्यादि दे देते हैं परंतु बच्चों को वक्त काटने के लिए जरूरत से ज्यादा मोबाइल या अन्य गैजेट देना न तो सही कहा जा सकता है और न ही सुरक्षित माना जा सकता है। आप चाहें तो लॉकडाऊन के इस मुश्किल समय में अपने नन्हे बच्चों को बिजी रखने के लिए किसी न किसी एक्टीविटी में इन्वॉल्व कर दें। इससे जहां वे मस्ती करेंगे, वहीं कुछ न कुछ नया भी सीख सकते हैं।
सुबह और शाम बच्चों के साथ खेलें
लॉकडाऊन से बच्चों ही नहीं, हमारी रूटीन में भी फर्क आ गया है जो सेहत के लिहाज से अच्छा नहीं माना जा सकता, बड़े और बच्चे दोनों ही बैठे हुए मोबाइल, टी.वी., लैपटॉप या अन्य गैजेट्स में बिजी होकर अपना टाइम पास कर रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप सुबह और शाम अपने बच्चों के साथ अपने घर के आंगन या बालकनी में आधा-आधा घंटा खेलने की आदत डालें। बच्चों के साथ गेम्स खेलेंगे तो आपकी भी फिजीकल एक्सरसाइज हो जाएगी। आप उनके साथ क्रिकेट, बैडमिंटन, रेबिट वॉक, मंकी वॉक, लंगड़ी टांग, स्टापू या रस्सी कूदना जैसे अनेक गेम्ज खेल सकती हैं, जोकि कम जगह पर भी आराम से खेले जा सकते हैं।
घर पर ही मनाएं पिकनिक
किसी रूम में टैंट लगा कर फ्लोर पर दरी या मैट बिछा लें और कुछ स्नैक्स इत्यादि बना लें। अब इसमें बच्चों के साथ बैठ कर पिकनिक मनाएं। यकीन मानें बच्चों को भी यह नया एक्सपीरियंस काफी पसंद आएगा।
रोजाना रखें स्टोरी सैशन
यदि बच्चे छोटे हैं तो रोजाना उन्हें किस्से कहानियां पढ़ कर सुनाएं और यदि बड़े हैं तो उन्हें कहें कि वे रोज नई कहानियां पढ़ें और शाम को फैमिली मेंबर्स को सुनाएं। कभी-कभी आप भी उन्हें कहानी सुना सकती हैं। इससे उनमें स्टोरी टेलिग का हुनर डिवेल्प होगा।
क्राफ्ट वर्क कराएं
आप अपने बच्चों को क्राफ्ट वर्क में भी बिजी कर सकती हैं, जिससे स्कूल खुलने के बाद अपना प्रोजैक्ट बनाने में उन्हें आसानी होगी।
स्कूल खुलने पर बच्चों को नहीं आएगी मुश्किल
यदि अभी आपने अपने बच्चे को गैजेट एडिक्ट बनने से नहीं रोका तो आपको आगे चल कर मुश्किल आएगी, क्योंकि लॉकडांकन में तो बच्चों का गैजेट्य में बिजी रहना भले ही पॉट्स को न अखर रहा हो, परंतु यदि आप उन्हें समर वेकेशन की तरह दूसरी गतिविधियों में बिजी रखती है, तो स्कूल खुलने पर वे अपने दोस्तों, टीचर्म एवं पढ़ाई में फिर से बिजी हो जाएंगे।