शिकवा-शिकायत एक-दूजे से

 पति-पत्नी में छोटी-छोटी बातों को लेकर अक्सर नोक-झोंक हो सकती है। दोनों को ही एक-दूसरे से शिकवा-शिकायत रहती है और कोशिश खुद को बदलने से ज्यादा एक-दूसरे को बदलने की रहती है। देखा जाए तो ये शिकायतें इतनी आम हैं कि अधिकांश पति-पत्नी के साथ ऐसा होता है।



महिलाओं की शिकायतें * पति ऑफिस जाने से थोड़ी पहले ही उठते हैं और अपने सामान के बारे में पूछना शुरू कर देते हैं कि उनका पर्स, रिस्ट वॉच, टाई या रुमाल कहां * महिलाओं को यह भी शिकायत रहती है कि जब भी वे कोई सामान मंगाती हैं, तो उनके पति अक्सर भूल जाते हैं। *पुरुषों का ऑफिस से लौट कर टी.वी. और मोबाइल में लगे रहना।


* महिलाएं जब पुरुषों को शॉपिंग के लिए कहती हैं तो उन्हें यह फिजूलखर्ची लगती है और खुद दोस्तों के साथ पार्टी करते रहते हैं। * महिलाएं अक्सर शिकायत करती हैं कि उनके पति शादी के बाद उनकी तारीफ करना कम कर देते हैं। * परीक्षा में बच्चों के नंबर कम आने पर पुरुष महिलाओं को ही कोसते हैं, जबकि खुद बच्चों की पढ़ाई के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं लेते। * पतियों को महिलाओं की हर बात को काटने में मजा आता है। उस पर शिकायत यह करते हैं कि तुम बोलती बहुत हो। * पुरुषों के गुस्से से भी वे परेशान रहती हैं, उनका मानना है कि पुरुषों में धैर्य की कमी होती है। 


पुरुषों की शिकायतें * पुरुषों का मानना है कि महिलाएं कभी भी खुल कर नहीं बोलती हैं और चाहती हैं कि पति उनकी बातों को अपने आप ही समझ जाएं। * पुरुषों को यह भी शिकायत रहती है कि पत्नियां पैसों को लेकर उनसे अक्सर झगड़ती हैं। *महिलाएं चाहती हैं कि पुरुष बेवजह भी उनकी तारीफ करते रहें। *महिलाएं पुरुषों को बहत इंतजार कराती हैं, कहीं भी पहुंचना हो ये समय पर नहीं पहुंचती हैं। *महिलाओं के मूड का कोई ठिकाना नहीं होता, कब कौन-सी बात इनको चुभ जाए, ये तो ईश्वर ही बता सकते हैं। *महिलाएं करती वही हैं. जो वे चाहती हैं. परंतु हर फैसले पर पति की मोहर चाहती हैं। *पुरुषों को शिकायत रहती है कि महिलाएं उनको पर्सनल स्पेस नहीं देतीं, हर बात पर सवाल और रोक-टोक करती हैं। * महिलाओं का उन पर शक करना और जासूसी करना पुरुषों को बिल्कुल भी पसंद नहीं है। * पुरुषों का मानना है कि महिलाएं तार्किक ढंग से नहीं सोचती हैं, भावनाओं में बहना और गलती हो जाने पर उसका ठीकरा पुरुषों के सिर फोड़ना इनकी पुरानी आदत है। * इतनी ड्रैसेज होने के बावजूद महिलाओं को लगता है कि उनके पास कपड़े कम हैं।


सफल दाम्पत्य जीवन के लिए... यदि आप दोनों में आपसी समझ तथा तालमेल नहीं है तो तय मानिए कि अपने रिश्ते को खुशहाल बनाए रखने में आप दोनों को बहुत दिक्कत होने वाली है। इससे आपके रिश्ते में खटास डालने और झगड़े स्थायी बन सकते हैं। एक अच्छे रिश्ते के लिए हर बात में सामंजस्य जरूरी है, हंसी-मजाक करने की क्षमता में भी। एक खुशनुमा रिश्ते के लिए जरूरी है कि पति-पत्नी आपस में तालमेल से चलें, उनमें एक-दूसरे की गलती को माफ करने का सब्र भी होना चाहिए। एक-दूसरे के मजाक को भी समझना चाहिए और अपनी शिकायतें भी सही तरह से एक-दूसरे के साथ सांझी करनी चाहिएं और अपनी-अपनी गलती को स्वीकार करके उसे दोहराने से भी बचना चाहिए।