100 ने पीया काढा, एक में भी संक्रमण नहीं


जिस कोरोना का सटीक इलाज अभी तक पूरी दुनिया नहीं खोज पाई है, वह भारत के आयुर्वेदिक काढ़े से परास्त होता दिख रहा है। जिन्होंने काढ़ा पी लिया, उन्हें कोरोना वायरस बीमार नहीं कर पा रहा है। उधर, जो बीमार हैं, वह भी जल्द स्वस्थ हो रहे हैं। यह दावा मध्य प्रदेश के आयुष विभाग का हैविभाग की तरफ से प्रदेश के 24 जिलों के 98 क्वारंटाइन सेंटरों व अस्पतालों में यह काढ़ा संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों और पॉजिटिव मरीजों को क्लीनिकल ट्रायल के तौर परदिया जा रहा है।


सात तरह की दवाओं के मिश्रण से यह काढ़ा तैयार किया गया है। उधर, एम्स भोपाल में भी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू का ट्रायल कोरोना मरीजों पर किया जा रहा है। इसके भी अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं।


भोपाल के संभागीय आयुष अधिकारी डॉ. सुनील कुलश्रेष्ठ का कहना है कि आयुर्वेदिक काढ़े से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के हॉस्टल में मई में 98 लोगों को क्वारंटाइन किया गया था। ये सभी संक्रमित लोगों के सीधे संपर्क में आए थे। कोरोना की जांच होने पर इनमें से आठ संक्रमित पाए गए थे। बाकी 90 लोगों को 13 से 22 मई के बीच आयुर्वेदिक काढ़ा दिया गया। ट्रायल में शामिल आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. शशांक झा ने कहा कि काढ़ा पीने वाले 90 लोगों में एक भी पॉजिटिव नहीं आया। भोपाल के पं. खुशीलाल शर्मा सरकारी आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमेश शुक्ला ने बताया कि अभी तक क्वारंटाइन सेंटरों में 970 लोगों को आयुर्वेदिक काढ़ा दिया गया है।


ये सभी वे लोग थे, जो संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आए थे और हाई रिस्क में थे। कोरोना की जांच में इनमें 831 लोग संक्रमित होने से बच गए। इसी तरह अस्पतालों में भर्ती 981 मरीजों को यह पिलाया गया। इनमें से 952 स्वस्थ हो चुके हैं।


इनसे बनता है काढ़ा, होता है लाभ


•मरिच, पिप्पली, शुण्ठी, हरीतकी गिलोय, कालमेघ और मुलेटी


-200 ग्राम पानी में काढ़ा उबालकर सुबह-शाम सेवन करने से हो रहा लाभ


पॉजिटिव मरीज भी लगातार सेवन करने से 10 दिन में हो जा रहे निगेटिव