बच्चे खुद सुलझाएं अपने झगड़े
अक्सर छोटे बच्चे ये शिकायत करते नजर आ जाते हैं कि उनके किसी खास दोस्त ने उनकी पैंसिल नहीं लौटाई है या उनके साथ खेल नहीं रहा है या कजिन ने उनका खिलौना छीन लिया है तथा अब वे न तो उनके साथ बोलेंगे और न ही खेलेंगे। ये झगड़े भले ही आपके लिए छोटे-छोटे हों, परंतु उनके लिए ये मतभेद काफी बड़े होते हैं। वे इसे सुलझाने में आपका हस्तक्षेप चाहते हैं। बेहतर तो यही है कि आप अपने छोटे बच्चों को शुरू से ही ऐसे मतभेद या झगड़े सुलझाने दें, ताकि बड़े होकर वे परिस्थितियों को संभालना एवं उन्हें स्वीकार करना सीख सकें।
सिचुएशन समझना सिखाएं
बच्चों को समझाएं कि उनके दोस्त या कजिन के मन में क्या चल रहा हो सकता है, जब उसने उसका खिलौना छीना हो, उन्हें बताएं कि हो सकता है कि उसके पास ऐसा खिलौना न हो और इसलिए उसने वह खिलौना छीन लिया हो। उन्हें बताएं यदि उनके पास भी कोई खास खिलौना न हो तथा उन लोगों के पास हो, तो वे कैसा महसूस करेंगे। अतः ऐसी सिचुएशन जब भी आएगी, वे उसे खुद ही हैंडल करना सीख जाएंगे। वे जान लेंगे कि ऐसा तो सभी बच्चे करते हैं।
समाधान ढूंढना सिखाएं
उनके झगड़ों को खुद सुलझाने की अपेक्षा आप उन्हें समस्या का समाधान खुद ही ढूंढना सिखाएं। आप उन्हें इतना कह सकती हैं कि वे बारी-बारी से उस खिलौने से खेलें, हो सकता है कई बार उन्हें मामला सुलझाने में दिक्कत हो तो उन्हें विश्वास दिलाएं कि आप उन्हें बेहतर सुझाव दे सकती हैं, ताकि कोई भी दुविधा होने पर झगड़ने की अपेक्षा वे आपके पास आएं।
गलतियों को स्वीकार करना सिखाएं
हालांकि परिपक्व लोग भी अपनी गलती को सहजता से स्वीकार नहीं कर पाते, परंतु यदि आप अपने बच्चों को यह सिखाएंगी, तो वे बेहद सहजता से इसे सीख लेंगे, क्योंकि एक छोटी सी सॉरी किसी भी बहस या झगड़े से उन्हें बचा सकती है। उन्हें समझाएं कि गलती करने के बाद गुस्से में न आकर शांत रह कर अपनी गलती को समझने और माफी मांगने में कोई बुराई नहीं होती, क्योंकि गलती हर कोई करता है, परंतु अच्छे बच्चे अपनी गलती को - दोहराते नहीं।
रिलैक्स होने का तरीका सिखाएं
उन्हें रिलैक्स रहने और गुस्सा आने पर खुद को शांत रखने के तरीके सिखाएं, आप उन्हें सिखा सकती हैं कि जब भी उन्हें गुस्सा आए, वे 1 से10 तक कि गिनती गिनें और लंबी सांस लें या फिर उस जगह से हट जाएं तथा अपना ध्यान कहीं और लगाएं।
रोल मॉडल बनें
बच्चे आमतौर पर वही चीजें करते और सीखते हैं, जो वे घर पर देखते हैं, इसलिए जब आपके और आपके पार्टनर के बीच वाद-विवाद हो रहा हो, तो भाषा का ख्याल रखें। कोशिश करें कि आप बच्चों के सामने बहस न करें और एक-दूसरे पर चिल्लाएं तो बिल्कुल भी नहीं, इससे उन पर गलत असर पड़ेगा।