सुपर कैरियर का बूम: बायोटेक्नोलॉजी
पीयूष कुमार गोस्वामी
बायोटेक्नोलॉजी अपेक्षाकृत नया कोर्स होने के बावजूद कैरियर के लिहाज से काफी मांग वाला ऑपशन साबित हो रहा है। यदि आपने साइंस विषयों से 12वीं की है तो आप भी इसमें अपना भविष्य संवार सकते हैं।
आज हरे मटर के दाने हों या हरे चने की सब्जी, इसका स्वाद बिना मौसम के जुलाई अगस्त में भी उठाया जा सकता है। फलों का राजा आम है और अन्य फल भी पूरे साल बाजार में उपलब्ध हैं। यह सब बायोटेक्नोलॉजी का ही कमाल है, जो खाने-पीने से लेकर दवा-दारू तक, सभी चीजों को संरक्षित रख कर विभिन्न जगहों पर पहुँचाने का काम करती है। साइंस की यह शाखा आजकल कैरियर के लिहाज से भी खूब फल-फूल रही है। नई दवाएं बनाने का मामला हो या बाजार में उपलब्ध दवाओं की गुणवत्ता में सुधार का, बायोटेक्नोलॉजी आज एक जरूरत बन गई है।
यह छात्रों के लिए खासा रूचिकर भी है, क्योंकि इसमें बायोकैमिस्ट्री, जेनेटिस, माइक्रोबायोलॉजी, कैमिस्ट्री, इम्यूनोलॉजी और इंजीनियरिंग जैसी कई चीजें शामिल है। छात्रों के बीच इस कोर्स की लोकप्रियता का आलम यह है कि आज देश के सरकारी संस्थानों से लेकर निजी संस्थान तक इसको लेकर नए-नए कोर्स शुरू कर रहे हैं।
एक समय था, जब विश्वविद्यालयों और कालेजों में बीएससी या बीटेक इन बायोटेक्नोलॉजी जैसे कोर्स चलाए जा रहे थे, लेकिन आज मार्केटिंग को ध्यान में रखते हुए एमबीए इन बायोटेक्नोलॉजी जैसे कोर्स भी पढ़ाए जा रहे हैं, जो छात्रों को इससे जुड़े मार्केटिंग के पक्ष को भी सामने ला रहे हैं। 12वीं करने के बाद यह कोर्स छात्रों को रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में काम करने का बड़ा अवसर मुहैया कराता हैअगर कोई छात्र सिर्फ बीटेक इन बायोटेक्नोलॉजी करके नौकरी की तलाश में निकलता है तो उसे क्वालिटी एंड कंट्रोल एंड क्वालिटी एश्योरेंस, विभिन्न लैबोरेटरी या रिसर्च संस्थानों में ट्रेनी स्तर पर काम करने का मौका मिल जाता है। इसके बाद उसे असिस्टेंट, सीनियर असिस्टेंट और मैनेजर जैसे पदों पर पदोन्नति मिल जाती हैअगर कोई एक कदम आगे बढ़कर एमटेक या बायोटेक्नोलॉजी में एमएससी करता है तो रिसर्च ट्रेनी या रिसर्च असिस्टेंट के तौर पर काम करने का मौका दिया जाता है। पीएचडी करने वाले छात्रों को रिसर्च एंड डेवलपमेंट, सीएसआईआर, आईसीएमआर और डीएसडी से जुड़े संस्थानों में साइंटिस्ट जैसे पदों पर काम करने का अवसर दिया जाता है। देश में फार्मास्यूटिकल कंपनियां ऐसे छात्रों को हाथोहाथ ले रही हैं। वे दवाएं बनाने के काम में इन्हें अपने यहाँ रखती हैं। पहले से चली आ रही दवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए होने वाली रिसर्च और प्रयोग का काम भी इन्हीं के जिम्मे होता है। यही नहीं, विभिन्न प्रोडक्ट की मार्केटिंग का काम भी अब कंपनियां ऐसे छात्रों से बखूबी कराने लगी हैं। इस काम में हुनर के लिए एमबीए इन बायोटेक्नोलॉजी कोर्स भी शुरू कर दिया गया है।
रिसर्च के अलावा अध्यापन का क्षेत्र भी है, जहाँ बायोटेनोलॉजी के छात्र रखे जा रहे हैं। चाहे वह इंजीनियरिंग कॉलेज हो या फार्मास्यूटिकल संस्थान। इनमें असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर एमटेक और पीएचडी के छात्रों को रखा जाता है।
यह कोर्स थ्योरी से ज्यादा हैंड ऑन प्रैक्टिस पर जोर देता है। इस क्षेत्र में हर दिन एक नया दिन होता है, इसलिए छात्रों को इनोवेटिव होना चाहिए और हैंड ऑन प्रैक्टिस में दक्ष होना चाहिए। कम्युनिकेशन स्किल भी कोर्स का अनिवार्य पहलू बन गया है, क्योंकि जिस पर रिसर्च की जा रही है, अगर उसे बाहर आम लोगों या विशेषज्ञों तक कम्युनिकेशन के जरिए नहीं पहुँचाया गया तो वह किसी काम की नहीं है
इस तरह की दक्षता के बलबूते ही आज बहुत सारे छात्र बायोटेक्नोलॉजी में देश से लेकर विदेश तक अपना परचम लहरा रहे हैं। यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें भारत और इससे बाहर छात्रों के लिए ढेरों संभावनाएं हैं।'
प्रमुख संस्थान .
इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी .
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी
दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली
जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली
इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली
योग्यता
आमतौर पर बारहवीं पास छात्रों को बीटेक या बीएससी बायोटेक्नोलॉजी में दाखिले का मौका दिया जाता है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। आईआईटी और एआईईईई के जरिए उत्तीर्ण छात्रों को संस्थान बीटेक में दाखिला देते हैं। बीएससी में दाखिला 12वीं की मेरिट के आधार पर दिया जाता है।
कितना वेतन
इस कोर्स के छात्रों का वेतनमान आमतौर पर तीस हजार रुपये से शुरू होकर एक लाख या इससे ऊपर जाता है। बीटेक करने के बाद बतौर ट्रेनी विभिन्न निजी संस्थानों में 25 से 30 हजार रुपये प्रतिमाह का ऑफर मिलता है। रिसर्च असिस्टेंट या रिसर्च ट्रेनी के बाद साइंटिस्ट के रूप में वेतनमान करीब 50 हजार रुपये हैं। विदेशी संस्थानों और फार्मास्यूटिकल कंपनियों में बतौर मैनेजर वेतनमान एक से दो लाख रुपये तक है।