लोकनृत्यों से मकरैणी-उत्तरैणी पर्व का स्वागत
पर्व का स्वागत जगह-जगह उत्तराखंडी समाज सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हुआ शामिल
दिल्ली में उत्तरैणी-मकरैणी से जुड़े कार्यक्रमों की मंगलवार शाम को रंगारंग शुरुआत हुई। कई जगहों पर स्थानीय लोगों ने लोकगीतों और लोकनृत्य पर प्रस्तुति देकर माहौल को संगीतमय बनाया तो कई जगह पारंपरिक वाद्यों पर देवताओं का आह्वान हुआ। बुधवार को मुख्य स्नान पर्व पर जहां स्नान, हवन के बाद खिचड़ी, घुघुते का भोग किया जाएगा, वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम पूरी बुधवार दोपहर चलते रहेंगे। वजीराबाद में यमुना किनारे सूर घाट पर मंगलवार शाम यमुना आरती के साथ मकरैणी-उत्तरैणी उत्सव का आगाज हुआ। श्रीगुरु माणिकधाम सर्वजन सेवा कल्याण संस्था के इस आयोजन में यहां देर रात तक मडाण लगा। मुख्य स्नान पर्व बधवार सबह से दोपहर बाद तक चलेगा। वेस्ट विनोद नगर के चिल्ड्रेस पार्क में स्नान पर्व से पहले सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। देवभूमि संस्कृति धार्मिक समिति के इस आयोजन में महिलाओं ने पारंपरिक लोकनत्य झोडा. चांछड आदि की प्रस्तति दी। इस दौरान नंदा देवी की डोली यात्रा के सजीव मंचन ने माहौल भक्तिमय कर दिया। बीते 23 साल से लगातार उत्तरैणी मना रहे कुमाऊं सांस्कृतिक कला मंच ने बुराड़ी के कौशिक एनक्लेव में रविवार को उत्तरैणी कौथिक नाम से आयोजन किया। इस दौरान बड़ी तादाद में समाज के लोगों ने प्रस्तुतियों का आनंद लिया। इस मौक पर मंच के संस्थापक गिरीश जोशी ने जहां समाज को । उत्तरैणी का महत्व बताया, वहीं खीमसिंह रावत ने युवा पीढ़ी का उत्तरैणी त्योहार से जुड़ने का आह्वान किया। गोल मार्केट इलाके के उद्यान मार्ग में गढ़वाल कुमाऊं एकता मंच ने रंगारंग कार्यक्रम किया। इसम स्थानीय महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।