कंगना ने कहा, '17 साल की उम्र से ले रही हूं पंगा' दिल की सुनती है
'पंगा' फिल्म में एक गाना है, 'मन की जो सुने, है वही चंगा, ले, ले पंगा', जब कंगना से पूछा गया क्या इस गाने को वह अपने जीवन में उतारती हैं. तो वह कहती हैं कि हां, वह ऐसा सोचती हैं। कंगना कहती हैं, मैं अपने दिल की सुनना पसंद करती हैं। मैं बहत कम उम्र में घर छोड चकी थी। ऐसे में मेरे पास कोई मदद के लिए नहीं था, न मेरे पिता न कोई और। 17 साल की उम्र में मैंने काम करना शुरू कर दिया था और मेरी लाइफ में पंगे भी तभी से शुरू हो गए थे। कंगना कहती हैं कि मैंने वही किया जो मेरे दिल ने कहा, यह शायद अनमैच्योर टाइप की चीजें भी हो सकती है, पर मन की। में क्यों किसी की तरह बनू या करने का काशिश करूं।
'पंगा' फिल्म मिलने के बारे मे कंगना कहती हैं कि इस फिल्म की निर्देशक अश्विनी अय्यर तिवारी मुझे तब ' मिली थीं जब मेरे जीवन में नाटकीय मोड़ आ रहे थे। लेकर थोड़ी बहुत बात हुई थी, पर सब कुछ तय नहीं हुआ मणिकर्णिका फिल्म पूरी होने को थी, तब उनसे फिल्म को था। बाद में हम दोनों ने फिल्म की। बहुत जुनूनी हैं अश्विनी अय्यर। उनकी वजह से ही इस फिल्म में काम किया। यही है 'पंगा' में
कंगना से जब पूछा गया कि ऐसी बातें चल रही थीं कि आपके और अश्विनी के बीच तालमेल नहीं है, तब उन्होंने ही साफ किया कि ये महज अफवाह है, इस पर कंगना कहती हैं कि अश्विनी बहुत ही सकारात्मक स्वभाव की हैं। उनके पास असुरक्षा जैसी बातें नहीं है। ये इंडस्ट्री है। यहां बहुत कुछ चलता है। पंगा फिल्म में बताया गया है कि कैसे एक परिवार सपनों को पूरा करने में मदद कर सकती से है तो वह कहती हैं कि मेरे साथ दोनों तरह की चीजें हुई। है, कंगना से पूछा गया कि असल जिंदगी में भी ऐसा हुआ वह कहती हैं कि मैंने ये भी देखा है कि कैसे परिवार के बगैर आपका जीवन निराशा से भर सकता है। शुरू में जब मैंने घर छोड़ दिया था और बाहर रहना शुरू किया था तो मेरे परिवार ने मेरी मदद नहीं की।