टिकाऊ उपभोक्ता उद्योग में अगले साल दिख सकता है आर्थिक नरमी का असर

नई दिल्ली,  टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र के लिए यह साल कुल मिलाकर अच्छा रहा। वृद्धि के लिहाज से करीब 2 साल स्थिर रहने के बाद 2019 में यह क्षेत्र वृद्धि के रास्ते पर लौटा है। हालांकि आर्थिक नरमी को देखते हुए अगला साल चुनौती भरा हो सकता है। टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र 2018-19 में करीब 76,400 करोड़ रुपए का था और 2019 म इसमलगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसकी वजह गर्मी की लंबी अवधि के कारण ए.सी. और रैफ्रिजरेटर जैसे उत्पादों की मांग में वृद्धि है। हालांकि उद्योग के समक्ष टैलीविजन पैनल और माइक्रोवेव जैसे खंडों में चुनौतियां बनी हुई हैं। इन क्षेत्रों का 2019 के दौरान अच्छा प्रदर्शन नहीं हुआहालांकि, कंज्यूमर इलैक्ट्रॉनिक्स एंड एप्लाएंसिज मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (सी.ई.ए.एम.ए.) को उम्मीद है कि अगले साल भी चीजों को ठंडा रखने वाले (कूलिंग) उत्पादों की मांग अच्छी रहेगी। सी.ई.ए.एम.ए. के अध्यक्ष और गोदरेज एप्लाएंसिज बिजनैस के प्रमुख तथा कार्यकारी उपाध्यक्ष कमल नंदी ने कहा, "मौजूदा अनुमान को देखते हुए 2020 में अच्छी वृद्धि की संभावना नहीं है लेकिन मौसम महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। लंबे समय तक गर्मी रहने से ठंडा रखने वाले उत्पादों की मांग को गति मिल सकती है।"