सर्दियों में क्या खाएं ताकि स्वस्थ रहें
- अनिता रस्तोगी
सर्दियां अपने पूरे शबाब पर हैं, ऐसे में सेहत को पूरी तरह से संभाल कर रखना चाहिए ताकि त्वचा में भी निखार आ जाए। बाजार भी ढेर सारी नयी-नयी सब्जियों से पट जाते हैं। त्योहारों और पकवानों के इस मौसम में कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल, क्या खाएं, कितना खाएं, कैसे खाएं, चॉयस आपकी है।
सुपः
सर्दियों में चूंकि काफी पौष्टिक सब्जियां आने लगती है, इसलिए आप तरह-तरह के सूप बना सकती हैं। गर्म सूप जहां सर्दी से बचाव करते हैं, वहीं खाने से पहले सूप पी लेने से खाना कम खाया जाता है। सूप एक तरह से पूरे खाने का काम भी करते हैं। सूप में आज जो भी सब्जी डालेंगे, उनमें निहित पौष्टिक तत्व आपको मिलेंगे। ज्यादातर सब्जियां, आयरन, कैल्शियम, विटामिन, रेशे आदि से भरपूर होती हैं। घी-तेल में छौंकी हुई सब्जियों के मुकाबले सूप में वसा की मात्रा भी कम होती है। हा. यह ध्यान रखें कि सूप में मक्खन या क्रीम न डालें और न ही उसके साथ तले हुए ब्रेड क्रम्ब्स डालें। इनसे सूप में वसा की मात्रा बहुत बढ़ जाती है।
जूस:
सर्दियों में संतरा, मौसमी, अन्नानास, अनार आदि फल भी बहुत मिलते हैं। इनका और कच्ची सब्जियों का जूस स्वास्थ्य और सौंदर्य के लिए बहुत लाभकारी होता है। अगर आप गाजर, चुकंदर, मूली, अदरक, टमाटर आदि का एक गिलास जूस प्रतिदिन पीएं, तो कुछ ही दिन में आपको खुद अपने अक्स से रश्क होने लगेगा। रोज सुबह एक आंवले का रस निकाल कर पिएं। यह आयरन और विटामिन सी का भंडार होता है।
सब्जियां:
सर्दियों में तरह-तरह की सब्जियां आने लगती हैं। इस मौसम में आमतौर पर शलगम, मूली, गाजर, बंदगोभी, सलाद के पत्ते, पालक, मशरूम, टमाटर, बींस, सिंघाड़े आदि बहुतायत से होते हैं। यदि आप अपने वजन पर नियंत्रण रखना चाहती हैं, तो इस मौसम में सब्जियां आपके काफी काम आ सकती हैं। सब्जियों को खूब सारे तेल में छौंकने या तलने की जगह आप उन्हें सलाद की तरह, स्टीम करके, उबालकर, बेक करके या फिर कम तेल में पका कर खाएं, उनके विटामिन भी सलामत रहेंगे और आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी। सब्जियों के साथ ही स्प्राउट्स का भी भरपूर सेवन कीजिए। इनमें प्रोटीन भरपूर होता है।
ड्राई फ्रूटस:
सर्दी के दिनों में ड्राई फ्रूटस का अपना महत्व है। अमेरिकी बादाम (इनका तेल पहले से ही निकाला हुआ होता है), पांच-छह टुकड़े काजू या बादाम या अखरोट या पिस्ता या किशमिश खाएं। सूखे मेवा में प्राकृतिक तेल काफी होता है, इसलिए ज्यादा न खाएं। मूंगफली गरीबों का मेवा कही जाती सर्दियों में गुनगुनी धूप में बैठकर मूंगफली खाने का आनंद शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। मूंगफली प्रोटीन से भरपूर होती है, साथ ही चिकनाईयुक्त वसा से भी। इसलिए मूंगफली भी खाएं, तो बहुत ज्यादा नहीं।
मिठाइयां:
सर्दियां यानी मिठाइयों का मौसम। इन दिनों हर घर में गर्म-गर्म गाजर का हलवा बनता है, तरह-तरह की मिठाइयां बनती हैं। दूसरी ओर यह त्योहारों और शादी-ब्याहों का मौसम भी है। जहां तक हो सके, मिठाइयां खाने से बचें। मिठाइयां स्लिम देह की दुश्मन है। हलवे की जगह गाजर का केक बनाएं। केक-कस्टर्ड-पुडिंग-बेक्ड सूफ्ले खाएं, इनमें शक्कर और चिकनाई कम होती है। चीनी की जगह शक्कर का प्रयोर करें। घर पर मिठाइयां बनाते समय चीनी और चिकनाई की मात्रा कम रखें। क्रीम निकले दूध का प्रयोग करें।
पानीः
सर्दियों में लोग आमतौर पर पानी कम पीते हैं। उन्हें लगता है कि पानी पीने से ठंड लगेगी। गर्मियों में तो पसीने के जरिए शरीर का पानी निकल जाता है, जिससे पानी की कमी हो जाती है और प्यास लगने लगती है। लेकिन सर्दियों में पसीना न के बराबर आता है, प्यास न लगने के कारण लोग सर्दियों में पानी नहीं पीते, यह गलत है। पानी कम पीने से यूरिनरी इंफेक्शन होने का अंदेशा रहता है। किसी भी मौसम में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना शरीर के लिए बेहद जरूरी है। दिन में बारह से पंद्रह गिलास पानी अवश्य पिएं। चाय पीने से बचने के लिए गर्म पानी पिएं। चाहें, तो इसमें एक चम्मच शहद और एक नींबू का रस डाल दें।
दूध और दूध से बने पदार्थः
दूध, दही, और पनीर बनाने के लिए जहां तक हो सके, क्रीम निकले दूध का इस्तेमाल करें। दूध में प्रोटीन और कैल्शियम बहुत होता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।
क्या करें:
बच्चों को इस मौसम में आप हर तरह काखाना दे सकती हैं। सर्दियों में भारी खाना पचाना आसान होता है और बच्चों को अच्छे पौष्टिक आहार की जरूरत भी होती है। आप अपने भोजन पर नियंत्रण रखें, क्योंकि व्यस्क लोगों की जरूरतें बच्चों से अलग होती हैं। संतुलित भोजन करें। आपके खाने में विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, कैल्शियम और कार्बोहाइड्रेट पर्याप्त मात्रा में होने चाहिए। कोशिश करें कि खाने में सलाद और कच्ची सब्जियां की मात्रा ज्यादा हो। वसायुक्त पदार्थों के सेवन से बचें। सर्दियों में चाय-कॉफी बहुत पी जाती है और इस बहाने बहुत सारी चीनी और दूध पी लिया जाता है। छोटे कप में चाय पीएं। चीनी कम लें। चाय की जगह गर्म पानी, सूप , जूस आदि लें।
त्योहारों और पार्टियों के इस अवसर पर आप हर समय बाहर खाने से बच नहीं सकते। यदि आप कहीं पार्टी में जा रहे हैं, तो अपना ध्यान सलादों पर ही लगाएं। सलाद भी क्रीमवाले न हो। कम से कम तला-भूना खाना चनें।
आजकल दावतों में रोटी भी सर्व की जाने लगी है। पूरी कचौड़ी की जगह रोटी लें और कम से कम तेलवाली सब्जी या दही लें। दावत में खाने के बाद अगला खाना उसी अनुपात में कम खाएं या न खाएं। औपचारिक समारोह वगैरह में ज्यादा खाने से बचने के लिए पापड़ आदि का एक टुकड़ा लेकर धीरे-धीरे कुतरते हुए खाएं, जिससे वह देर में खत्म हो और आप ज्यादा समय में कम कैलोरी लें। बहुत मन करे, तो हफ्ते पंद्रह दिनों में छोटा सा टुकड़ा मिठाई या एकाध पकौड़ा वगैरह ले सकती हैं।
नियमित व्यायाम करें। सर्दियों में दिन छोटे हो जाते हैं। कुछ तो इस वजह से और कुछ सर्दी के कारण लोगों का ज्यादा समय रजाई के भीतर चाय पीते या कुछ न कुछ खाते गुजरता है। इस आदत से बचने की कोशिश करें। रोजना वॉक के लिए जाएं। यह बहुत अच्छा व्यायाम है।
साइकिलिंग करें, इससे शरीर में रक्तसंचार तेज होता है, जिससे बदन को गर्मी मिलती है, साथ ही चुस्ती-फुर्ती बनी रहती है।