रूपै-यू.पी.आई. के माध्यम से लेन-देन पर नहीं लगेगा एम.डी.आर. शुल्क: सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जनता को नए साल का तोहफा दिया है।  सैक्टर बैंकों (पीएमबी) के प्रमुखों की  बैठक के बाद दुनिया पेमेंट मोड पर एम.डी.आर. शुल्क खत्म करने को वित्त मंत्री ने कहा।  यह आधारित ट्राधिक्शन पर लागू होता है। सीतारमण ने कहा कि जनवरी से 50 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार करने वाले सभी कारोबारी बिना किसी एम.डी.आर. शुल्क के रूपै डेबिट कार्ड और यूपी.आई. क्यू.आर.कोड के जरिए भुगतान की सुविधा उपलब्ध करा पारगे। वित्त मंत्री ने 5 जलाई, 2019 को अपना पहलाबजट पेश करते हुए इस संबंध में संकेत दिया था। इस बात की अमीद की जा रही है कि सीतारमण 1 फरवरी, 2020 को अपना दूसरा बजट पेश करेंगी। हर लेन-देन पर दुकानदार द्वारा जिस राशि का भुगतान किया जाता है, वह 3 हिस्मों में बंट जाता है। पहला हिस्सा बैंक दूसरा हिस्सा आरपीओएस मशीन लगाने वाले बैंडर और तीसरा हिस्सा वीजा एवं मास्टरकार्ड जैसी कम्पनियों को जाता है। हालांकि वित्त मंत्री की इस घोषणा के बाद भी क्रेडिट कार्ड पर एम.डी.आर शुल्क से? प्रतिशत के बीच रह सकता है। सीतारमण ने बैंकों को निर्देश दिया कि वह भ्रष्टाचार को लेकर उनके अधिकारियों के खिलाफ दर्ज सतर्कता संबंधी मामलों का जल्द से जल्द निपटान करें। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के 4 बैंकों में शीघ्र ही सरकार 8.855 करोड़ रुपए। का निवेश करेगी।


वका के मामलों में सी.बी.आई.स्वतः संज्ञान नहीं लेती


वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकरों के मन से श्री सी' का डर दूर करते हुए कहा कि सोच-समझकर फैसले लेने वाले डरे नहीं दूरदशी फसलों के बावजूद विफलता और दोषपूर्ण विफलता के बीच अंतर रखा जाएगा। बता दे सैट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टीगेशन (सी.बी.आई.). कॉम्प्ट्रॉलर एड ऑडिटर जनरल (कैग) और सेंट्रल विजीलैंस कमीशन (सी.वी.सी.) के लिए श्री सी' इस्तेमाल किया जाता है। सीतारमण ने कहा कि आयकर विभाग की तरह सी.बी.आई.भी यह व्यवस्था बनाएगा कि रजिस्ट्रेशन नबर के साथ नोटिस भेजा जाए, जिससे अनधिकत कम्युनिकेशन और प्रताड़ना की गुजाइश नही रहे। सी.बी.आई. आने वाले महीनों मेदिक अफसरों के साथ बैठक कर उनकी शंकाएंदर करेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि हाल ही में ऐसी चिंताएं सामने आई थी कि जांच एजेंसियों को लेकर बैंक अधिकारियों के मन में डर है। इससे इनकी उचित फैसले लेने की क्षमता प्रभावित हो रही है। सीतारमण ने कहा कि बैंकों के मामलों में सी.बी.आई.स्थत संज्ञान नहीलता बल्कि बैंक खुदही केस को आगे भेजने का फैसला लेते।