मिग-27 विमा मिग-27 विमान बनेंगे इतिहास जोधपुर में भरेंगे अंतिम उड़ान

 भारतीय वायुसेना के 'घातक' लड़ाकू विमान मिग-27 अब इतिहास बन जाएंगे और शुक्रवार को जोधपुर वायुसेना स्टेशन से सात को जोधपुर वायुसेना स्टेशन विमानों की अंतिम स्क्वाडू न अपनी आखिरी उड़ान भरेगी। वर्ष 1999 में करगिलयुद्ध के दौरान इन विमानों ने दुश्मन को धूल चटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और पायलट इन्हें 'बहादुर' कहकर पुकारते थे।


रक्षा प्रवक्ता कर्नल सोम्बित घोष ने मंगलवार को दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान से रूस निर्मित मिग- 27 विमान की नियत सेवानिवृत्ति की घोषणा की। उन्होंने कहा, 'सात मिग-27 विमानों की अंतिम स्क्वाड्रन जोधपुर वायुसेना स्टेशन से 27 दिसंबर को अंतिम उड़ान भरेगी। इस दिन इस स्क्वाड्रन के सभी विमान सेवानिवृत्त हो जाएंगे, जिसके बाद उनमें से कोई भी देश में कहीं भी उड़ान नहीं भरेगा।' मिग-27 विमानों की जोधपुर स्थित स्क्वाड्रन नही सिर्फ दक्षिण पश्चिमी वायु कमान, बल्कि समूचे देश की मिग-27 की अंतिम स्क्वाड्रन है। अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, 'जोधपुर वायुसेना स्टेशन में मिग-27 की अंतिम स्क्वाड्रन की सेवानिवृत्ति के बाद, यह विमान न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व में एक इतिहास बन जाएगा।