अगले साल से गिरावट थमने का अनुमान


नई दिल्ली,  भारत के निर्यात में जारी गिरावट के अगले साल धम जाने का अनुमान है। हालांकि बढ़ते संरक्षणवाद के कारणवैश्विक व्यापार को लेकर कायम अनिश्चितता से निर्यात की वृद्धि दर कम रह सकती है। वाणिज्य सचिव अनुप बधावन ने कहा कि निर्यात को योजदासस्ती पेट्रोलियमा वल्पादों के निर्यात में कम्पनी जापादों को देश के कुल निर्यात में 154 प्रतिसत हिस्सेदारी है। उचाने ककसाक्षात्कार दौरान कहा । कि पैट्रोलियम की कीमतें गिरने से निवेशकों पैट्रोलियम उत्पादों के निर्यात का मूल्य कूचार कम हो गया है। उन्होंने कहा, मिलाया को "हालांकिइलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं दवाएं भी कार्यनिक और अकार्बनिक रसायन जैसे गैर-पारंपरिक वस्तु समूहों के परः निर्यात में सकारात्मक वृद्धिसे भविष्य का वृद्धि का आधार तैयार हुआ है।" उल्लेखनीय है कि भारत के निर्यात की वृद्धि दर अगस्त 2019 के बाद से नकारात्मक है। इसका मुख्य कारण पैट्रोलियम उत्पादों, इंजीनियरिंग तथा रलों एवं आभूषणों के निर्यात में गिरावट आना है। विश्व व्यापार संगठन ने 2019 में , __ वैश्विक व्यापार की वृद्धि दर का रसायन अनमान प्रतिशत से घटाकर 12 के प्रतिशत कर दिया है। हालांकि उसने भविष्य कहा है कि 2020 में यह वद्धि दर प्रतिशत पर पहंच सकती है।


पहली छमाही में सुधर सकती हैं वैश्विक परिस्थितियां


निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो का कहना है कि बढ़ते संरक्षणवाद के कारणअनिश्चितता बढ़ रही है, जिससे वैश्विक परिस्थितियां बेहद चुनौतीपूर्ण होती जा रही हैं। फियो के निदेशक अजय सहाय ने कहा कि 2020 की पहली छमाही में वैश्विक परिस्थितियां सुधर सकती है, जिसका भारत के निर्यात पर सकारात्मक असर होगाउन्होंने कहा, "यदि वैश्विक परिस्थितियों में सुधार होता है, जो 2020 की पहली छमाही में होने का अनुमान है, तोहम 2020-21में निर्यात  में 15 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य तय 15 प्रात कर सकते है। अगले साल नियात सकारात्मक वृद्धि का राह पर लाट आएगा लकिन वृद्धि दर शायद 10 प्रातशत स नाच रहगा।