आईटी सिस्टम में खराबी ने कई भारतीयों का जीवन तबाह किया
लंदन, ब्रिटेन में सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली में खराबी की वजह से सैकड़ों डाक अधिकरियों पर कोष चोरी का आरोप लगा, जिनमें अनेक भारतीय डाककर्मी भी शामिल हैं। इन सभी का जीवन इस कथित घोटाले की वजह से तबाह हुआ। इस सप्ताह के शुरू में ब्रिटिश उच्च न्यायालयक जस्टिस हार्ड फ्रेसर ने लंदन में एक सुनवाई के दौरान पोस्ट ऑफिस लिमिटेड और इस तरह के 550 से । अधिक लोगों के बीच 5.78 करोड़ पाउंड का समझौता कराया। समझौते के बाद इन. लोगों के वकील ने कहा कि अब इतने साल बाद उनके मुवक्किल अपना सिर ऊंचा उठाकर चल सकते हैं। अब वे अपना जीवन शुरू कर सकते हैं। अर्ध स्वायत्त प्रबंधक के रूप में काम करने वाले अनेक उप-पोस्ट मास्टरों ने अपने ऊपर लगे आरोपों से खुद को हुए कष्टों के बारे में बात की है। ऑक्सफोर्ड शाइर के हॉर्सपठ गांव स्थित डाकघर से 1987 से में जुड़े विपिन चंद्र पाल भी उन सैकड़ों उप-पोस्टमास्टरों में से एक हैंउन्होंने कहा कि प्रणाली की खामी की वजह से उनका जीवन तबाह हो गया। पाल ने 'द संडे टाइम्स' से कहा, 'एक क्षण मैं समुदाय का स्तंभ था, और अगले ही क्षण मैं अछूत हो गया। मेरा स्वास्थ्य खराब हो रहा था, म मेरी पत्नी दुकान पायााकावन चलाती थी और 550 उसे ग्राहकों से अपमान सहना कसाय पड़ता था। मेरा का आपराधिक रिकॉर्ड हो गया, जिसकी वजह से मुझे नौकरी न मिल सकी। तनाव की वजह से मेरे लिए भोजन-पानी सब मुश्किल हो गया। मेरा शरीर जवाब देने लगा। मैंने जीने की चाह छोड़ दी और आत्महत्या की इच्छा होने लगी।' उन्हें कथित कोष चोरी के लिए होने लगी। उन्हें कथित कोष चोरी के लिए 18 सप्ताह की निलंबित सजा दी गई। ब्रिटेन का आपराधिक मामले समीक्षा आयोग संभाव्य न्यायिक निष्फलता के रूप में अब उनकी दोषसिद्धि की समीक्षा कर रहा है। ऑक्सफोर्ड में रहने वाले बलविंदर सिंह की भी ऐसी ही कहानी है।