बेटी (कविता )


उसके लिए अगर मगर नहीं 


बस एक डगर है विश्वास 


मुश्किल व् मुसीबत कोई खास कहाँ 


आएगा एक सफ़र यहाँ 


जहाँ आनंद का दौर 


फैलेगा उसके चारों और 


इसलिए 


गीतों में झूम 


मस्ती में गा 


मन में दीप जला,


मेरी दुआ -----


हेट तुझसे हर बला। 


 


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