चिकनगुनिया बुखार के उपरांत जोड़ों का उपचार
Poonam Sharma
Naturopath
Practising- Yoga, Naturopathy, Acupressure & Lifestyle Councellor
email : mail2mepoonamsharma@gmail.com
photo : medicalnews.com
कई बार देखा गया है कि चिकनगुनिया के बुखार से ठीक होने पर भी रोगी पूर्णरूपेण स्वस्थ नही हो पाता है। चिकनगुनिया बुखार रोगी के शरीर के सभी जोड़ों को बुरी तरह से अपनी चपेट में ले लेता है व उनके जोड़ों का हृास होने लगता है। जोड़ों में स्थित साइनोवियल तरल कम होने लगता है व हाथों की अंगुलियां भी टेड़ी होने लगती हैं, इसके कारण शरीर में दर्द बना रहता है। ऐसे में जोड़ों के स्वास्थ को बनाये रखने के लिए आप निम्न आसान उपाय अपना सकते हैं।
- सेंधा नमक व नीम की पत्तियां गुनगुने पानी में डालकर नहाने से दर्द में राहत मिलती है।
- लहसुन का पेस्ट व लौंग का तेल मिलाकर इस पेस्ट को जोड़ों में लगाकर ऊपर से कोई कपड़ा लपेट लें।
- थोड़े से गाय के दूध में 4-5 किशमिश या खजूर डालकर उबालने के बाद पीयें।
- हारसिंगार (पारिजात) पेड़ के 5-6 पत्ते कूटकर उसे एक गिलास पानी में उबालकर इस काढ़े को छानकर सुबह खाली पेट पीयें, जब तक की जोड़ों का दर्द समाप्त नही हो जाता।
- हर 2-3 घंटे में कुछ-कुछ गर्म तरल खाद्य लेते रहें। जैसे- अदरक पानी में उबालकर, छानकर गुनगुना पीयें।
- इसी तरह हल्दी, अजवायन, सहजन की फली, बबल की फली आदि को ऊपर बताये तरीके से लेते रहें।
- इसके अलावा हरी सब्जियों का सूप, सहजन की फलियों का सूप, शिमाला मिर्च, बीन्स, ब्रोकली आदि का सूप बनाकर लें।
- इन तरल खाद्यों के प्रयोग से शरीर में खनिज व विटामिन्स आदि का स्त्रोत बना रहेगा। जिससे की शरीर में हड्डियों व मांस पेशियों के सुधार से जोड़ों आदि का दर्द समाप्त होता जाऐगा।
गीली कम्प्रेस
छोटे तौलिये को पानी में भिगोकर उसे दर्द वाले जोड़ों के आस-पास लपेटकर रखें, इससे जोड़ों के दर्द व सूजन में राहत मिलेगी। यदि दर्द ज्यादा है तो उस पर बर्फ की सिंकाई भी की जा सकती है।
स्ट्रेचिंग
जोड़ों में दर्द के कारण उनका हिलना डुलना कम होने से उनमें कड़ापन (स्टिफनेस) और बढ़ जाता है व परिणामस्वरूप जोड़ों का दर्द और अधिक बढ़ता है, इस तरह यह दुष्चक्र बढ़ता चला जाता है। जब तक इस चक्र को नही तोड़ा जाएगा जब तक जोड़ों को पूरी तरह से ठीक नही किया जा सकता है। इसके लिए धीरे-धीरे अपने जोड़ों को क्लॅकवाइज और एंटी क्लॉक वाइज घुमाएं। योग के सूक्ष्म व्यायामों का भी धीरे-धीरे अभ्यास करें। इससे जोड़ों में रक्त संचार बढ़ेगा, जोड़ों की स्टिफनेस कम होगी, जिसके परिणास्वरूप दर्द से भी धीरे-धीरे राहत मिलेगी।
मालिश
- जोड़ों में दर्द से राहत पाने के लिए मालिश सर्वोत्तम है।
- नारियल/ सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करने से जोड़ों के अकड़न में कमी आती है।
- नींबू के रस से मालिश की जा सकती है।
- सरसों के तेल में प्याज का रस मिलाकर मालिश करें।
- सरसों का तेल/तिल का तेल में लहसुन, अजवाइन, अदरक, हींग आदि मिलाकर गर्म कर लें। फिर गुनगुना जोड़ों पर लगाए व 10-15 मिनट हल्के हाथ से मालिश करके थोड़ी देर के लिए उसके ऊपर कपड़ा लपेट दें।
- वाय करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन बंद कर दें।
- विटामिन सी व ई और कैल्शियम युक्त खाद्य आहार में शामिल करें।
- सूर्यतप्त सफेद बोतल का पानी पीयें।
- सर्दियों में बथुए का प्रयोग करें।
पूर्ण स्वास्थ्य की प्राप्ति केवल प्राकृतिक उपचारों से ही प्राप्त की जा सकती है।