चिकनगुनिया बुखार के उपचार
Poonam Sharma
Naturopath
Practising- Yoga, Naturopathy, Acupressure & Lifestyle Councellor
दोस्तो आज के इस लेख मे मैं चिकनगुनिया बुखार के उपचारों के बारे में आपको बताने जा रही हूँ।
जैसा कि हम सब जानते है चिकनगुनिया बुखार मच्छरों के काटने से होता है जो कि रोगी के सभी जोडों पर अपना प्रभाव डालता है।
कई बार तो रोगी के बुखार चले जाने के बाद भी, जोडो का दर्द सूजन लंबे समय तक बना रहता है जो जोडो को काफी नुकसान पहुंचाता है।
आगे इस लेख में कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में बता रही हूँ। इन्हें आहार में शामिल करने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
- तुलसी
यह एक बढ़िया तापरोधी है व् बुखार को कम करता है साथ ही इम्युनिटी को बढ़ाता है।
- नारियल पानी
यह एक अच्छा डिटॉक्स तरल है जो शरीर के विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है साथ ही इसमें मौजूद खनिज व इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर को पोषण देते हैं।
- हरी पत्तेदार सब्जियां
यह मिनरल्स व विटामिन ए, सी से भरपूर होते हैं, सुपाच्य होते हैं व चिकनगुनिया बुखार में हड्डियों को पोषण देकर उन्हें मजबूती प्रदान करते हैं, जिससे जोड़ों में दर्द या उन्हें नुकसान नहीं होता।
- सेब, केला, अमरूद, पपीता
उपर्युक्त फलों में रेशा अधिक होता है, जिससे पाचन तंत्र सुचारू व साफ रहता है, यह शरीर को शक्ति प्रदान करते हैं।
नोट-चिकनगुनिया बुखार के दौरान और पुनः पूर्ण स्वास्थ्यअर्जन तक खट्टे फल नही खाने चाहिए न ही उनका जूस पीयें ।
- गाजर
गाजर का रस व सलाद खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे की बुखार के दौरान जोड़ों आदि पर ज्यादा बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
- अश्वगंधा
इसे मुंह में रखकर चूसें।
- विटामिन सी, ई
विटामिन सी हमारे शरीर में खनिज लवणों के पाचन में सहायत करता है, जिससे वह हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।
विटानि ई हमारे शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर करता है व शरीर में सुधारात्मक कार्य करता है।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड
यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुदृढ करता है, जिससे संक्रमण से लड़ने में सहायता मिलती है- दाल, अलसी, अखरोट में पर्याप्त मात्रा में होता है।
- अजवायन
अजवायन में एनेस्थेटिक गुण पाये जाते है, इसके सेवन करने से दर्द कम महसूस होता है। इसमें उपस्थित एंटी ऑक्सीडेंट्स इम्युन को बढ़ाते हैं।
- अदरक
अदरक को पानी में उबाल, छानकर शहद/गुड़ के साथ पीने से दर्द कम महसूस होता है।
- लहसुन
इसमें एंटी इन्फ्लामेटरी गुण होता है, जिससे जोड़ों की सूजन कम होती है। इसमें उपस्थित एलिसिन तत्व एंटी वायरल होता है, जो बुखार को कम करता है।
- सहजन
सहजन की फलियों का सूप व पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से शरीर के ताकत व मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
- काढ़ा
- बुखार के समय
4-5 तुलसी, चुटकी भर सोंठ पाउडर, आधा पीपर, गिलोय, चुटकी भर अजवायन, चुटकी भर हल्दी, एक लौंग, 1-2 काली मिर्च, 2-4 नीम पत्तियां । सभी को मिलकर काढा बनाकर, छानकर, शहद/गुड़ के साथ दिन में दो बार अवश्य लें।
प्राकृतिक चिकित्सा अपनायें
और स्वस्थ रहें।