मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गैर कानूनी गर्भपात के खिलाफ दिए जांच के आदेश16 गांवों में पिछले 6 महीने में एक भी लड़की पैदा नही हुई, इससे लगता है कि दाल में सचमुच में कुछ काला है और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने वाली संस्थाएं जिले में गैर कानूनी लिंग जांच और गर्भपात के कामों में लगी हैं। जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश जारी कर दिए।
आंकड़े डराने व क्षुब्ध करने वाले हैं।
श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड
16 गांवों में पिछले 6 महीने में एक भी लड़की पैदा नही हुई, इससे लगता है कि दाल में सचमुच में कुछ काला है और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने वाली संस्थाएं जिले में गैर कानूनी लिंग जांच और गर्भपात के कामों में लगी हैं। जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश जारी कर दिए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आंकड़े डराने व क्षुब्ध करने वाले हैं। अफसरों को सच को उजागर करने को कहा गया है। जांच के आदेश जारी करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारी योजना 'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ' के सर्वदा विपरीत है।
राज्य महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं, जिससे की सच्चाई सामने आएगी।
उत्तरकाशी जिला मजिस्ट्रेट श्री आशीष चौहान ने कहा कि आंकड़ों से पता चला है कि भटवारी, डंडा और चिनयालीसोर जैसे 16 गांवों के किसी भी ब्लॉक में पिछले छः महीने में एक भी लड़की पैदा नहीं हुई। इस दौरान कुल 65 बच्चे पैदा हुए लेकिन उनमें एक भी लड़की नही है। इसके अलावा 66 दूसरे गांवों में भी लडकियों का लड़कों के प्रति अनुपात बेहद कम है।
इन सभी 82 गांवों को 'रेड जोन' की कैटगरी में रखा गया है।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि जिला स्तर के अधिकारियों की एक टीम बनाई गई हैजो इन सभी गांवों का सर्वे करेगी व यह पता लगाएगी कि स्वास्थ्य सेवाएं देने वाली संस्थाएं कहीं गुपचुप तरीके से गैरकानूनी लिंग जांच और गैरकानूनी गर्भपात में तो संलिप्त नहीं हैं।
जांच टीम को अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर जमा करवाने को कहा गया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कुल मिलाकर जिले में कुल लिंग अनुपात में सुधार हुआ है, जिसमें कुल पैदा हुए 935 बच्चों में से 439 लड़कियां हैं। स्वास्थ्य विभाग को भी गर्भवती मां के रजिस्टर्ड करवाने के बाद उसके व उसके परिवार पर निगरानी व जानकारी इकट्ठा करने को कहा गया है।