तंग्राम- एक अनोखा खेल


दोस्तों, गर्मी की छुट्टियां शुरू होने वाली हैं। आप सभी ने अवश्य ही प्लांनिंग तैयार कर ली होगी, अपने मनपसंद स्थान पर घूमने जाने की, मौज-मस्ती की, खेल-कूद की और बहुत कुछ ऐसा करने की ताकि छुट्टियों का मजा बरकरार रहे। खेल-कूद की बात करें तो आप सभी जानते हैं कि आजकल मोबाइल गेम्स और ऑनलाइन कम्प्यूटर गेम्स का जमाना है। पर, यह खेल आपको हर जगह उपलब्ध हो, यह जरा मुश्किल है। तो कुछ ऐसे गेम्स भी साथ रखिए कि मोबाइल की बैटरी चार्ज खत्म होने का भय भी न रहे और कम्प्यूटर उपलब्ध न हो तो भी आपका मनोरंजन तो जारी रहे ही। वैसे तंग्राम के बारे में आपका क्या विचार है। यह वाकई एक रोचक खेल है। इसे हर जगह अपने साथ आसानी से लेकर भी जाया जा सकता है। और अन्य बच्चों के साथ मिलकर खेला भी जा सकता है।


तंग्राम, सात ज्यामितीय आकृतियों से बना एक ऐसा पजल है जो क्रिएटिविटी को तो बढ़ाता ही है, साथ ही इसके साथ खेलते रहने की रोचकता भी कभी समाप्त नहीं होती। तंग्राम जिग्सा पजल से थोड़ा हटके है, जिग्सो पजल में एक तय चित्र के अनुसार आप उसके बिखरे टुकड़ों को फिट कर देते हैं और खेल खत्म। वहीं तंग्राम से आप जितनी बार चाहें एक नई आकृति का सृजन कर सकते हैं, तंग्राम के सात टुकड़ों को जोड़कर आपने जाने अनजाने क्या बना डाला यह आपको हैरान कर देगा। इन टुकड़ों से बनी आकृति किसी दौड़ते हुए बच्चे की हो सकती है, किसी झुकी हुई कमर वाली बुढ़िया की या पक्षियों अथवा जानवरों की, जहाज की, नाव की और भी बहुत कुछ।


तंग्राम का अविष्कार चीन में हुआ माना जाता है। चीन में इसे 'चही चिओ पेन' के नाम से जाना जाता है। जिस तरह तंग्राम एक रोचक खेल है, वैसे ही इसके आविष्कार की कहानी भी रोचक है। चीन के राजा के लिए एक बार उसके सेवक एक स्क्वॉयर शीशा लेकर आ रहे थे। गलती से वह शीशा गिरकर टूट गया, मजे की बात यही थी कि शीशा गिरकर चकनाचूर नहीं हुआ बल्कि स्पष्ट सात टुकड़ों में बंट गया। सेवकों ने शीशे के उन सात टुकड़ों को वापस चौकोर आकार में जोड़ने के लिए बहुत प्रयत्न किया। सेवक जितनी बार टुकड़ों को जोड़ने के लिए समायोजित करते हर बार उन्हें एक नई आकृति मिलती। सेवकों को इस खेल में बड़ा मजा आया और उन्होंने राजा को शीशे के यह सात टुकड़े पजल के रूप में पेश किए। राजा ने भी इस खेल को खूब पसंद किया। धीरे-धीरे यह खेल पूरे चीन में खेला जाने लगा। 18वीं शताब्दी के मध्य में चीन के किसी व्यक्ति ने तंग्राम को जहाज के जरिए अमेरिका में रह रहे किसी बच्चे को गिफ्ट में भेजा था। 19वीं शताब्दी तक यह अमेरिका से यूरोप में और फिर दुनिया भर में जाना जाने लगा।


दोस्तों जरूरी नहीं कि तंग्राम को आप मार्केट से खरीदकर ही लाएं, इसे किसी स्कवॉयर गत्ते या कार्डबोर्ड से घर पर भी बनाया जा सकता है। इसकी सात ज्यामितीयआकृतियों में पांच त्रिकोण, एक वर्ग और एक समानांतर चतुर्भुज होता है। इसके दो बड़े त्रिकोणों का आकार मध्यम आकार के त्रिकोण से दोगुना तथा मध्यम आकार के त्रिकोण का आकार छोटे आकार के त्रिकोण से दोगुना होता है। इसी तरह स्कवॉयर टुकड़े का क्षेत्रफल छोटे आकार के त्रिकोण के क्षेत्रफल से दोगुना और समानांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल स्कवॉयर टुकड़े के बराबर रखा जाएगा। तो फटाफट तैयार कीजिए एक रंगबिरंगा तंग्राम और दौड़ाइए अपना दिमाग ताकि बनें मनभावन आकृतियां और कठिन ज्यामितीय शेप्स। आप चाहें तो इन्हें बनाने को लिए दो तंग्राम मिलकार 14 टुकड़ों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।