त्येरु लाल
आज त्वेकू थोड़ा खुशी थोड़ा गम दे ग्यों माँ
मि तेरि दानी आंख्य तै आंसन नम के ग्यो माँ
मि जरूर बोली, जरूर पूछी तू तूं से एक सवाल
बिना युद्ध कू किले शहीद व्हे त्येरू लाल
कनि या व्यवस्था छ कै कि छै या नाकामी
किल लुछी स्यून घात लगेगी हमारि जवानी
पीठ पिछने का हमलन बेदम व्हेग्यों मि।
तेरि दानी आंख्यें तै आंसून नम के ग्यो मा मि
द्वी दिनों के गुस्सा लोखुन मा द्वी दिनों क उमाळ
कैन कन फिर तख तुमारू माँजी सैंतू समाळ
बिसरी जाण भोळ फिर लोखून हम जावनू तै।
कैन नि जाण कैन नि समझण इखै कि हलातुं तै
पीठ पिछने का हमलन आज बे–दम व्हेग्यों मि
तेरि दानी आंख्य तै आंसन नम के ग्यो माँ मि